Sunday 24 January 2016


भारतीय संविधान को सम्मान देने के लिए 26 जनवरी को पूरे सम्मान के साथ हर साल भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1950 में ये लागू हुआ था। इस साल 2016 में भारत अपना 67वां गणतंत्र द‍िवस मनाएगा।भारत दुनिया का सबसे बड़ा गणतंत्र है और इसके संविधान की कई खासियतें भी हैं। गणतंत्र का मतलब है वह शासन पद्धति जहां राज्यप्रमुख का निर्वाचन सीधे जनता करे या जनता के प्रतिनिधि करें। यानी राष्ट्रप्रमुख वंशानुगत या तानाशाही तरीके से सत्ता पर कब्जा करके न आया हो।
आइए जानते हैं भारतीय संविधान की 26 खास बातें :
  1. संविधान देश का सर्वोच्च कानून है जो 26 नवंबर, 1949 को बना था लेकिन यह 26 जनवरी, 1950 से प्रभावी हुआ था।
  1. भारत में गणतंत्र के लागू होने की तारीख 26 जनवरी खास मकसद से चुनी गई। इससे पहले तक 1930 से 26 जनवरी भारत में पूर्ण स्वराज दिवस के तौर पर मनाया जा रहा था। इसीलिए जब देश के गणतंत्र को लागू करने के लिए तारीख चुनने का वक्त आया तो 26 जनवरी का दिन ही तय किया गया।
  1. संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में कुल 114 दिन बैठकें कीं। इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी।
  1. संविधान सभा के लिए अनुमानित खर्च 1 करोड़ रूपए था।
  1. संविधान लिखने वाली समिति ने संविधान हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखा था तथा कैलिग्राफ किया था। इस काम में किसी भी तरह की टाइपिंग या प्रिंटिंग का उपयोग नहीं किया गया।
  1. संविधान सभा के मुख्य सदस्य जवाहरलाल नेहरू, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद थे। अन्य सदस्यों का चयन भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया गया था।
  1. 11 दिसंबर, 1946 को हुई संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया था जो अंत तक कार्यरत रहे।
  1. संविधान जब बना था तब उसमे 395 अनुच्छेद, जो 22 भागों में विभाजित थे और 8 अनुसूचियां थीं जोकि अब 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित हैं।
  1. संविधान की धारा 74 (1) में यह भी व्‍यवस्‍था है कि मंत्रिपरिषद् राष्‍ट्रपति की सहायता से होगी और इसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा।
  1. हमारे देश का संविधान अब तक का सबसे लम्बा लिखित संविधान हैं।
  1. भारतीय संविधान में अब तक 100 संशोधन हो चुके हैं।
  1. संविधान की प्रस्तावना यह घोषणा करती है कि संविधान अपनी शक्ति सीधे जनता से प्राप्त करता है इसी कारण यह ‘हम भारत के लोग’, इस वाक्य से प्रारम्भ होती है।
  1. भारतीय संविधान की प्रस्तावना अमेरिकी संविधान से प्रभावित तथा विश्व में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। प्रस्तावना के माध्यम से भारतीय संविधान का सार, अपेक्षाएं, उद्देश्य, उसका लक्ष्य तथा दर्शन प्रकट होता है।
  1. ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द संविधान के 1976 में हुए 42वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया। यह सभी धर्मों की समानता और धार्मिक सहिष्णुता सुनिश्चित करता है।
  1. ‘समाजवादी’ शब्द संविधान के 1976 में हुए 42वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया। यह अपने सभी नागरिकों के लिए सामाजिक और आर्थिक समानता सुनिश्चित करता है।
  1. भारतीय संविधान का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण है, राज्य की शक्तियां, केंद्रीय तथा राज्य सरकारों में विभाजित होती हैं। दोनों सत्ताएं एक-दूसरे के अधीन नहीं होती हैं, वे संविधान से उत्पन्न तथा नियंत्रित होती हैं।
  1. भारत के संविधान के निर्माण में डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें ‘संविधान का निर्माता’ कहा जाता है।
  1. भारत मे दोहरी नागरिकता नहीं है। केवल भारतीय नागरिकता है। जाति, रंग, नस्ल, लिंग, धर्म या भाषा के आधार पर कोई भेदभाव किए बिना सभी को बराबर का दर्जा और अवसर देता है।
  1. राज्य अपना पृथक संविधान नहीं रख सकते, केवल एक ही संविधान केंद्र तथा राज्य दोनो पर लागू होता है।
  1. भारत का कोई आधिकारिक धर्म नहीं है। यह ना तो किसी धर्म को बढावा देता है, ना ही किसी से भेदभाव करता है।
  1. भारत एक स्वतंत्र देश है, किसी भी जगह से वोट देने की आजादी, संसद में अनुसूचित सामाजिक समूहों और अनुसूचित जनजातियों को विशिष्ट सीटें आरक्षित की गई हैं।
  1. भारतीय संविधान अधिनियम में आने के बाद भारत में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला है।
  1. भारतीय संविधान की असली प्रतियां आज भी संसद में एक स्‍पेशल हीलियम केस में सुरक्षित रखी गई हैं।
  1. स्थानीय निकाय चुनाव में महिला उम्मीदवारों के लिए एक निश्चित अनुपात में सीटें आरक्षित की जाती हैं।
  1. प्रत्‍येक राज्‍य में एक विधान सभा है। जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में एक ऊपरी सदन भी है जिसे विधान परिषद् कहा जाता है। राज्‍यपाल राज्‍य का प्रमुख होता है।
  1. भारत किसी भी विदेशी और आंतरिक शक्ति के नियंत्रण से पूर्णतः मुक्त सम्प्रुभता सम्पन्न राष्ट्र है। यह सीधे लोगों द्वारा चुने गए एक मुक्त सरकार द्वारा शासित है तथा यही सरकार कानून बनाकर लोगों पर शासन करती है।