Monday 29 October 2012

जो हमसे तकरार करे वो अपने मुह की खायेगा.
राष्ट्रवाद का पावन झंडा लहर लहर लहराएगा.









Saturday 27 October 2012

देश को बरगला रहा है कल्याण सिंह

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद विध्वंस की जिम्मेदारी खुद पर डालकर एक बार फिर से देश को बरगलाने और देश में धार्मिक उन्माद फैलाकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश में जुट गए हैं. लेकिन कल्याण सिंह का यह दांव अब उनके लिए उल्टा ही पड़ने वाला है तथा देश के अमन पसंद और भाई चारे की भावना पर विश्वास करने वाले लोग उनके जैसे पाखंडियों के चक्कर में नहीं आने वाले हैं. यह वही कल्याण सिंह हैं जो अभी कुछ महीने पूर्व ही मुलायम सिंह यादव के तलवे चाट रहे थे और उतार प्रदेश के चप्पे चप्पे में घूम घूम कर बाबरी मस्जिद विध्वंस के सन्दर्भ में मुस्लिम समुदाय से माफ़ी मांग रहे थे. लेकिन एक बार फिर वह भाजपा में अपनी वापसी की संभावना देखकर राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए देश और समाज में नफरत का जहर घोलने का दुर्भाग्य पूर्ण प्रयास कर रहे हैं. उनको इस बात के शर्म नहीं आती कि जब देश में भ्रष्टाचार. अराजकता. आतंकवाद. नाक्साल्वाद और मंहगाई अपने चरम पर है ऐसे में साम्प्रदायिक उन्माद फ़ैलाने की बजाय इन ज्वलंत समस्याओं के परिपेक्ष्य में गंभीरता पूर्वक सोचा जाना चाहिए.

देश का उदारवादी हिन्दू समुदाय भी यही मानता है कि

नहीं चाहिए मंदिर. मस्जिद चाह नहीं गुरुद्वारों की.

आज जरुरत हमें देश में वतन के पहरेदारों की.

भारत माँ का मुकुट शिरोमणि सुलग रहा है शोलों से.

काँप रही है रूह राष्ट्र की उग्रवाद के गोलों से.......

ऐसे हालातों में फिर एक बार रामलाला के नाम पर क्या कल्याण सिंह जैसे लोग देश का सद्भावपूर्ण माहौल खराब करना चाहते हैं. कल्याण सिंह पूछे गए एक सवाल के जवाब में  कहा कि बाबरी मस्जिद तोड़ रहे कार्यसेवकों पर गोली चलाने से मैंने मना किया था। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर मुस्लिम तुष्टीकरण के जहर बुझे तीर छोड़ते हुए कल्याण ने कहा कि सत्ता में बैठे दल राष्ट्रवाद को मुस्लिम तुष्टीकरण के जरिए आघात पहुंचाने का काम कर रहे हैं। कल्याण सिंह ने साफ किया कि उन्होंने भाजपा में वापसी के लिए कोई शर्त नहीं रखी है। अंतिम निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को करना है। निज स्वार्थ से परे राष्ट्रवादी शक्ति के उदय व उत्थान की अवधारणा ने भाजपा और मुझे, दोनों को प्रभावित किया है। केंद्र के अलावा प्रदेश सरकार भी मुस्लिम तुष्टीकरण को बढ़ावा देकर देश में खतरनाक स्थिति पैदा कर रही है। फैजाबाद और बनारस में जो बम ब्लास्ट हुए उनमें पकड़े गए लोगों को सपा छुड़वाने का भरसक प्रयास कर रही है। इन बम ब्लास्टों में कई लोग मारे गए थे। कल्याण सिंह को यह समझना चाहिए कि देश का हिन्दू समुदाय कोई भेड़ नहीं है जो उनके उकसावे और इशारे में काम करके भेड़ चाल चलते हुए उनके राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल हो जायेगा. वैसे भी कल्याण सिंह का देश और उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी कोई वजूद नहीं रह गया है.