Tuesday 9 October 2012

जय राष्ट्रवाद

देश और समाज में शिष्टों का सत्कार करें और भ्रष्टों व दुष्टों का बहिष्कार करें.
राजनीति के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करें. देश का राजनीतिक माहौल इसलिए दूषित हुआ क्यों कि झूठ और फरेब पर विश्वास करने वाले जयचंदों ने राजनीति में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए अनैतिक तरीकों का सहारा लिया. जो बढ़ते भ्रष्टाचार और राजनीति के व्यवसाईकरण और अपराधीकरण का कारण बन गया. अब जयचंदों को शिद्दत से बेनकाब करने का वक्त आ गया है. क्यों कि अगर भारतीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा कायम रखना है तो भ्रष्टाचार का कोढ़ मिटाने राजनीतिक माहौल को प्रदूषणमुक्त बनाना ही होगा. साथ ही शिखंडियों और पाखंडियों को भी बेनकाब करना होगा. जो दूसरों पर तो कई बार कीचड उछालते हैं लेकिन अपने दामन पर लगे दाग को देखने की हिम्मत नहीं जुटा पाते. उनमे आत्मचिंतन और आत्मविश्लेषण की क्षमता नहीं है. पराक्रम तो बचा नहीं है सिर्फ परिक्रमा करके ही अपना मकसद पूरा कर रहे हैं. अपने पुरुषार्थ का उपयोग समाज को जाति क्षेत्र और धर्म के नाम पर बांटने में कर लिया अब सुनियोजित तरीके से देश बेचने. देश का सौदा करने या मौक़ा मिलने पर देश को ही नीलाम करने की तैयारी में लगे हुए हैं.

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