Monday 1 October 2012

केजरीवाल के लिए आसान नहीं है राजनीतिक  राह

टीम अन्ना के सदस्य रहे अरविन्द केजरीवाल चाहे राजनीतिक विकल्प देने की अपनी घोषणा के परिपालन में नए राजनीतिक दल का ऐलान कर भी दें लेकिन उनके लिए राजनीतिक गलियारे में चलना तलवार की धार पर चलने जैसा ही होगा. क्यों कि उनमे धैर्य. संयम. गरिमा और पारदर्शिता का बेहद अभाव है. खुद अन्ना हजारे ने जब यह स्वीकार किया है कि केजरीवाल के चलते ही उनकी टीम विघटित हुई. तो फिर यहाँ सवाल यह पैदा होता है कि भविष्य में अपने राजनीतिक सहयोगियों पर भी केजरीवाल अपने निर्णय थोपने और कई मामलों में उन्हें अँधेरे में रखने की कोशिश नहीं करेंगे. इस बात की कौन सी गारंटी है. इसके अलावा आज की प्रतिष्पर्धात्मक राजनीतिक स्थिति में केजरीवाल शुचिता के मामले में अपनी प्रतिबद्धता कायम रखते हुए साधनों और संसाधनों की व्यवस्था करें. यह कौन सुनिश्चित करेगा. और सबसे अहम् सवाल तो यह है कि अन्ना के बिना केजरीवाल के पास ऐसा कौन सा विश्वसनीय व्यक्ति है जिसके नाम पर वह देश के मतदाताओं को अपनी पार्टी के पक्ष में ध्रुवीकृत कर सकेंगे. कुल मिलाकर भविष्य में केजरीवाल को तमाम चुनौतियों से जूझना पड़ेगा.उधर जनलोकपाल के लिए अभियान चलाने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे  अपनी नई टीम की घोषणा कर सकते हैं। करप्शन के खिलाफ अपने अभियान को तेज करने के लिए अन्ना दिल्ली में अपने समर्थकों के साथ बैठक कर रहे हैं। इस बीच अन्ना से  अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया ने सोमवार सुबह अचानक अन्ना हजारे से मुलाकात की। दोनों की मुलाकात से यह चर्चा भी छिड़ी कि क्या केजरीवाल अन्ना को मनाने आए थे? गौरतलब है कि केजरीवाल की अन्ना से मतभेद के बाद यह पहली मुलाकात है। केजरीवाल अन्ना से मुलाकात के बाद इस बारे में कुछ नहीं बोले, हालांकि उन्होंने कहा कि वह अन्ना के साथ हैं। केजरीवाल ने कहा कि उनके और अन्ना के बीच कोई झगड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्ना जो भी आंदोलन चलाएंगे, वह समर्थन देंगे। अन्ना से अलग हुए उनके निजी सचिव सुरेश पठारे के बारे में केजरीवाल ने कहा कि पठारे उनसे जुड़ना चाहें, तो उनका स्वागत है। गौरतलब है कि केजरीवाल 2 अक्टूबर को नई पार्टी की घोषणा करने वाले हैं। साथ ही अन्ना हजारे की राहें केजरीवाल से अलग होने के बाद अब अगले स्टेज की तैयारी दोनों खेमों में शुरू हो चुकी है। अन्ना जहां एक ओर अपनी नई टीम की रणनीति बनाने में जुटे हैं, वहीं केजरीवाल अपनी पार्टी की घोषणा की तैयारी भी पूरी कर चुके हैं। केजरीवाल और उनके सहयोगियों के अलग होने के बाद अन्ना हजारे को दिल्ली की गतिविधियों को संभालने के लिए किसी ऐसे शख्स की जरूरत है, जो उनकी कमी को पूरा कर सकें। दिल्ली में किसी कद्दावर समन्वयक  की जरूरत को अन्ना नकार नहीं सकते। अभी अन्ना अपनी नई टीम के लिए जिन नामों पर गंभीरता से सोच रहे हैं, उनमें संभावित हैं।  नर्मदा बचाओ आंदोलन से चर्चा में रहने वाली मेधा पाटकर अन्ना के आंदोलन का शुरू से ही हिस्सा रही हैं। शुरुआती दौर में वह मंच पर भी देखी गईं। जैसे-जैसे आंदोलन आगे बढ़ा उन्होंने इसे बस नैतिक समर्थन दिया और सक्रिय भूमिका से खुद को अलग कर लिया। सूत्रों की माने तो इसके पीछे केजरीवाल का पूरे आंदोलन को लेकर मनमाना रवैया रहा है। अब केजरीवाल के अलग होने के बाद इस बात की संभावना जताई जा रही है कि वह अन्ना के साथ फिर नजर आएंगी। वाटर हार्वेस्टिंग के लिए दुनिया भर में पहचान बना चुके और रैमन मैग्सेसे पुरस्कार पाने वाले राजेंद्र सिंह भी पहले अन्ना की कोर कमिटी का हिस्सा रहे हैं। जैसे जैसे आंदोलन आगे बढ़ा राजेंद्र सिंह ने भी इससे किनारा कर लिया। आंदोलन के कई मुद्दों से उन्होंने अपने को अलग पाया और कोर कमिटी से इस्तीफा दे दिया। अब अन्ना के साथ फिर उनके वापस आने की संभावना भी जताई जा रही है। टीम अन्ना का महत्वपूर्ण चेहरा रहे मौलाना काजमी को मीटिंग के दौरान जासूसी करने के आरोप में बाहर का रास्ता दिखाया गया था। उन पर आरोप लगा था कि वह मीटिंग की मोबाइल पर विडियो रिकॉर्डिंग बना रहे थे। उन्होंने इस बात पर भारी गुस्सा जताया था और इसके पीछे केजरीवाल की मनमानी बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि अरविंद ने पूरे आंदोलन को हाई जैक कर लिया है। केजरीवाल के अलग होने के बाद वह भी अन्ना के करीब आ सकते हैं। अन्ना ने दिल्ली आने के बाद सेना और सिविल दोनों के ही रिटायर्ड अधिकारियों से मुलाकात की है। इस बात से यह तो तय है कि वह अपने आंदोलन में इन्हें शामिल करने का मन भी बना रहे हैं। जनरल वीके सिंह ने पिछले आंदोलन में मंच पर आकर यह जता दिया था कि वह करप्शन के खिलाफ लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। अगर वह भी अन्ना के साथ नजर आएं तो कोई हैरानी की बात नहीं है। अन्ना अब अपने आन्दोलन को पुनर्जीवित करने की कोशिश में लगे हैं तो केजरीवाल राजनीतिक दल घोषित करने वाले हैं. अब इनका भविष्य क्या होगा. इस सन्दर्भ में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता .

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