Monday, 20 January 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव के सियासी समीकरण
सुधांशु द्विवेदी
अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार, स्तंभकर एवं राजनीतिक विश्लेषक
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिये 5 फरवरी को होने वाली वोटिंग के पहले सियासी सरगर्मी चरम पर है। राजनीतिक दलों द्वारा मतादाताओं को अपने पक्ष में लामबंद करने के प्रयासों के तहत चुनावी वादों की झड़ी लगाई जा रही है। दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी जहां केजरीवाल के नाम पर एक बार पुन: वोट मांग रही है वहीं केन्द्र में सत्तासीन भाजपा दिल्ली की आर सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए केन्द्र की एनडीए सरकार की उपलब्धियों का बखान तो कर ही रही है। साथ ही भाजपा नेताओं द्वारा दिल्ली के विकास एवं दिल्लीवासियों के उत्थान के दावे एवं वादे भी किये जा रहे हैं। यह बात अलग है कि केन्द्र में पिछले 10 साल से अधिक समय से भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की ही सरकार है तथा दिल्ली के समस्याओं एवं ज्वलंत मुद्दों के परिपेक्ष्य में भाजपा एवं केन्द्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठते रहते हैं। केजरीवाल हमेशा ही यह आरोप लगाते हैं कि भाजपा नेताओं द्वारा दिल्ली के विकास को बाधित किया जा रहा है। हमारी सरकार दिल्ली में मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था की बेहतरी के लिये काम कर रही है। हमारे यह नेक काम ही हमारी सरकार की उपलब्धि हैं जबकि भाजपा नेताओं के पास दिल्ली के विकास की कोई प्लानिंग ही नहीं है। दिल्ली के इस विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार भी बड़ा मुद्दा है। कथित शराब घोटाले के मामले में केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के कई नेता जेल की हवा खा चुके हैं तथा वह अब अपनी इस जेल यात्रा को भाजपा का षडय़ंत्र और सरकारी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाकर दिल्ली के मतदाताओं के बीच अपने लिये सहानुभूति का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली के पिछले 2 विधानसभा चुनावों की अपेक्षा कांग्रेस पार्टी में इस बार ज्यादा सक्रियता एवं उत्साह देखा जा रहा है। इसका सबसे बड़ा आधार राहुल गांधी हैं। जिनके सतत प्रयासों से कांग्रेस पार्टी को लोकसभा में करीब 100 सीटें मिलने के साथ ही स्वयं राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर आसीन हैं। देश की राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस पार्टी की बढ़ी यह ताकत दिल्ली चुनाव के लिये भी पार्टी जनों का उत्साह बढ़ाने का काम कर रही है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि दिल्ली के विकास से जुड़े सभी बड़े काम कांग्रेस की ही पिछली सरकार में हुए हैं। ऐसे में दिल्ली के मतदाताओं का राजनीतिक प्रतिसाद कांग्रेस पार्टी को ही मिलेगा क्यों कि आप और भाजपा द्वारा दिल्ली के लोगों को गुमराह करके वोट हासिल करने की कोशिश की जा रही है। सही मायने में आप और भाजपा विकास विरोधी हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि आप पहले से ही महिलाओं को बस की फ्री यात्रा कर रखी है, नये घोषणापत्र में सरकार बनने पर छात्रों को भी बस में फ्री यात्रा करने की बात कर रही है। पहले से दी जा रही फ्री बिजली पानी लागू रखने के साथ आप किरायेदारों को भी फ्री बिजली, पानी देने की बात कर रही है। भाजपा दिल्ली में चल रही फ्री बिजली, पानी को यथावत रखने तो कांग्रेस 300 यूनिट फ्री बिजली देने की बात कर रही है। जहां महिलाओं को आप प्रतिमाह 2100 रुपए तो भाजपा 2500 रुपए कोई किसी से कम नहीं। भाजपा आम आदमी बुजुर्ग 70वर्ष से ऊपर वालों के लिए आयुष्मान योजना के तहत दिल्ली सरकार के योगदान सहित 10 लाख रुपए तक स्वास्थ्य बीमा लागू करने की वकालत कर रही तो आप संजीवनी योजना के तहत 60 वर्ष से ऊपर बुजुर्ग लोगों के लिए सरकारी प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज तो, कांग्रेस बुजुर्गो के इलाज के लिए 25 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा देने की बात कर रही है। वहीं भाजपा गर्भवती महिलाओं को 21000 रुपये, 6 पोष्टिक आहार का किट, गरीब बहनों को सिलेंडर पर 500 रुपए सब्सिडी, होली दीपावली पर फ्री सिलेंडर देने की बात कर रही है। कांग्रेस बेरोजगारों को 8500 रुपए प्रतिमाह देने की बात कर रही है। राजनीतिक पार्टियों के इन चुनावी वादों/ घोषणाओं का दिल्ली के मतदाताओं पर कितना असर पड़ा है, यह 8 फरवरी वोट काउंटिंग के दिन पता चलेगा।
Subscribe to:
Posts (Atom)