Friday 10 August 2012

संवेदन हीनता के चलते ऐसे ही पलता रहेगा कसाब
देश में जब तक संवेदन हीनता और गैर जिम्मेदारी का दौर चलता रहेगा तब तक देश में आतंकवाद तो बढ़ता ही रहेगा साथ ही कसाब जैसे आतंकियों का पालन पोषण भी होता रहेगा. देश में एक तरफ तो तमाम लोगों को दो वक्त की रोटी नहीं मिलती वहीं कसाब की खातिरदारी में अब तक करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए. उधर मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने गुरुवार की रात अबू जुंदाल का यहां आर्थर रोड जेल में पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब से सामना कराया। दोनों करीब डेढ़ घंटे तक एक-दूसरे के सामने रहे। कसाब ने जुंदाल की पहचान करते हुए उसे मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक बताया।गौरतलब है कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने महाराष्ट्र सरकार से कसाब और जुंदाल को आमने-सामने करने की अनुमति मांगी थी। अनुमति मिलते ही पुलिस जुंदाल को उच्च सुरक्षा वाले आर्थर रोड जेल लेकर आई जहां कसाब बम निरोधी अंडाकार सेल में बंद है। गत 21 जुलाई को दिल्ली से मुंबई लाए गए इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबू जुंदाल से मुंबई पुलिस अब तक पूछताछ करती रही है। उससे मिली कई जानकारियों की पुष्टि अब वह कसाब से करना चाहती है। इसलिए पुलिस ने दोनों का एक दूसरे से आमना-सामना कराया। वर्ष 2008 के 26/11 को हुए मुंबई हमले के दौरान जिंदा गिरफ्तार कसाब एकमात्र पाकिस्तानी आतंकी है। उसे निचली अदालत और हाई कोर्ट से फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। कसाब ने मुकदमे के दौरान जुंदाल का नाम अपने हिंदी शिक्षक के रूप में लिया था। उसने यह भी कहा था कि जुंदाल उसे व उसके नौ साथियों को मुंबई हमले के लिए 23 नवंबर, 2008 को कराची समुद्रतट तक छोड़ने भी आया था जबकि जुंदाल ने इससे इन्कार किया है। मुंबई पुलिस जुंदाल और कसाब के जरिए मुंबई हमले में पाकिस्तान की भूमिका और स्पष्ट कराना चाहती है। पुलिस भले ही अपनी जिम्मेदारी निभा रही है लेकिन देश का राजनीतिक नेतृत्व तो वैचारिक शून्यता का शिकार है. ऐसे में कसाब जैसे आतंकी कब दण्डित होंगे यह विचारणीय विषय है.

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