Thursday 9 August 2012

मध्यप्रदेश में बेख़ौफ़ खनन माफिया

विपुल प्राक्रतिक संसाधनों और विकास की अपर संभावनाओं से परिपूर्ण मध्यप्रदेश पर आजकल खनन माफियाओं की गिद्ध द्रष्टि लग गयी है. और फिर जब इन खनन माफियाओं को सत्ता का संरक्षण मिल जाये तो स्थिति की विभीषिका का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. मध्यप्रदेश में सत्ता मित्र की भूमिका निभा रहे खनन माफियाओं ने यहाँ की आबोहवा पर ऐसा कहर बरपाया है कि सत्ता का हर शिरोमणि उनके इशारों पर ही नाचता नजर आया है. वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अगर खनन माफियाओं का सबसे बड़ा सरगना कहा जाये तो कोई अतिसंयोक्ति नहीं होगी क्यों के प्रदेश की जनता की भलाई और पर्यावर्णीय भविष को टाक पर रखकर उन्होंने खनन माफियाओं के साथ इस कदर जुगल बंदी दिखाई है कि खुद उनके ही गृह जिले सीहोर में ही बे खौफ और बेशर्म माफिया ने धरती का सीना चीरकर करोडो अरबों का अवैध उत्खनन किया है. अपने धन बल की बदौलत त्याग तपस्या और बलिदान का नारा देकर सुशासन का झूठा राग अलापने वाले प्रदेश की सत्ता के शिरोमणि खुद ही उक्त खनन माफियाओं के सामने लोटांगन करते नजर आ रहे हैं. जय श्री राम कहिये और लूटपाट करिए की अवधारणा का शत प्रतिशत पालन करने वाले प्रदेश के सत्ता धारी किसी भी कीमत पर इन माफियाओं पर नकेल कसने के पक्ष में नहीं है. क्यों कि इससे उनको होने वाली काली कमाई और उनके आकाओं के भी होने वाले वित्त पोषण का दौर जो ख़त्म हो जायेगा. यह कहना भी अतिशंयोक्ति नहीं होगा कि प्रदेश में बढ़ते अपराधों की मुख्य वजह भी खनिज माफिया ही हैं.

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