Thursday 9 August 2012

रामदेव भी राजनीति में हाथ आजमायें

रामदेव की राजनितिक महत्वाकांक्षा को ध्यान में रखकर यह कहना मुनासिब होगा कि उन्हें भी राजनीतिक पार्टी बनाकर राजनीति में हाथ आजमाना चाहिए. ताकि राजनीतिक गलियारे में वक्त के थपेड़े पड़ने पर उनका भी मुगालता दूर हो जाये. वह लोगों को योग सिखाएं नेता गिरी करें कुछ भी गलत नहीं है लेकिन वह देश के अन्दर जो अराजकता का माहौल निर्मित करने की कोशिश करते रहते है, उसे किसी भी द्रष्टि से उचित नहीं माना जा सकता. भाजपा तो रामदेव के सामने इसलिए दंडवत है क्यों कि वह कांग्रेस को गली देते हैं कांग्रेसियों को भला बुरा कहते हैं. रामदेव के रामलीला मैदान में गुरुवार से शुरू हो रहे आंदोलन में टीम अन्ना हिस्सा लेगी या नहीं अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है। वहीं टीम अन्ना के मुताबिक उन्हें इस आंदोलन में शामिल होने के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला है। हालांकि अन्ना के सहयोगियों में सिर्फ किरण बेदी ने बाबा का खुलकर समर्थन किया है.अहमदाबाद में मौजूद रामदेव ने बुधवार को लोगों से दिल्ली के रामलीला मैदान के अलावा देशभर के जिलों और तहसीलों में भ्रष्टाचार के खिलाफ जुलूस व पदयात्राएं निकालने की अपील की है। पिछले हफ्ते बीच में ही खत्म हुए अन्ना के आंदोलन का नाम लिए बिना उन्होंने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा,'जन आंदोलनों की ज्वाला अभी बुझी नहीं है। बल्कि यह अब पूरे देश की सड़कों पर दिखाई देगी।'अन्ना के करीबी सूत्रों के मुताबिक रामदेव के आंदोलन में अन्ना के भाग लेने की उम्मीद कम ही है। एक तो अनशन के बाद से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। दूसरे अब वे बाबा को लेकर पहले की तरह उत्साहित भी नहीं हैं। इसकी एक वजह जंतर-मंतर पर अन्ना आंदोलन के शुरुआती दिनों में रामदेव की ओर से उनका मजाक उड़ाने को भी माना जा रहा है। जहां बाबा ने अन्ना आंदोलन को ऑक्सिजन दी थी वहीं उन्होंने अन्ना को कटाक्ष करते हुए यह भी कहा था कि कोई भी आंदोलन तभी सफल होता है जब उसे पूरा जन समर्थन मिले। नरेंद्र मोदी की तारीफ और कंट्टरवादी हिंदू नेताओं से रामदेव की नजदीकी के कारण भी अन्ना उनके साथ नहीं दिखना चाहते। अन्ना के सहयोगी सुरेश पठारे ने माना कि अब तक बाबा की ओर से न तो न्योता आया है और न ही कोई बातचीत हुई। अरविंद केजरीवाल पहले ही साफ कर चुके हैं कि रामदेव की तरफ से कोई निमंत्रण नहीं मिला है। रामदेव ने पिछले साल रामलीला मैदान में ही बेमियादी अनशन शुरू किया था। बाद में दिल्ली पुलिस ने बल प्रयोग कर अनशन स्थल को खाली करवा लिया था। तब पुलिस ने रामदेव को महिला के कपड़ों में भागते हुए पकड़ लिया था। रामदेव का यह आंदोलन ऐसे समय में शुरू होगा, जब उनके सबसे करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण फर्जी पासपोर्ट के आरोप में जेल में बंद हैं।

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